Friday, November 1, 2024
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हादसों का सबब बन रहा डिवाइडर 

2017.07.26 01 ravijansaamnaरेडियम संकेत न लगने से डिवाइडर आए दिन दुर्घटना का कारण बन रहा है।
2 महीने में 1 दर्जन से अधिक बड़े हादसे हो चुके है।
मौत को दावत दे रहा डिवाइडर आये दिन हो रहे हादसे 
इलाहाबाद, रवि कुमार राठौर। कानपुर इलाहाबाद हाईवे पर बम्हरौली चौकी से कुछ दूरी पर बना डिवाइडर हादसों का सबब बन रहा है। कानपुर से इलाहाबाद जीटी रोड की तरफ जाने वाले मार्ग पर स्थित इस डिवाइडर को आधा अधूरा छोड़ दिया गया है। रेडियम संकेत न लगने से डिवाइडर आए दिन दुर्घटना का कारण बन रहा है। 2 महीने में 1 दर्जन से अधिक बड़े हादसे हो चुके है। कुछ बड़ी घटनाएं 7 जून की रात इलाहाबाद न0 का ट्रक डिवाइडर के बीचों बीच जाकर फंस गया। घटना 30 जून की रात हरियाणा न0 का ट्रक डिवाइडर से टकराकर पलट गया इस दुर्घटना से कई लोग घायल हो गये। बीते रविवार 23 जुलाई को ईटों से लदा 12 चक्का ट्रक डिवाइडर के बीचों बीच जाकर फंस गया। कुछ दिन पहले रोडवेज की बस यात्री सहित पलट गई थी। डिवाइडर इसी तरह के हादसों का सबब बना हुआ है। ट्रक चालक सर्वेश पाल ने बताया बम्हरौली चौकी के पास से निकलने पर डिवाइडर को दूर से नहीं देख पा रहे है। नतीजतन ट्रक सीधा डिवाइडर पर चढ़ जाता है। जिससे दुर्घटना में ट्रक बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो जाता है। घटना 10 जुलाई को फतेहपुर से इलाहाबाद जा रहे स्कार्पियो चालक ने बताया डिवाइडर को दूर से भांप नहीं पाया। स्कार्पियो बीचो.बीच डिवाइडर पर चढ़ जाती है। दुर्घटना में तीन लोग घायल हो जाते हैं। चीख पुकार सुनकर स्थानीय लोग उन्हें स्वास्थ्य केंद्र रवाना करते हैं। आपको बताते चले पिछले वर्ष इलाहाबाद हाईकोर्ट के 150 वर्ष होने पर भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी एवं सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश वर्षगांठ समारोह में शामिल होने आये थे। इस वर्ष 2 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इलाहाबाद हाईकोर्ट के 150 वर्ष पूर्ण होने पर साल भर से चल रहे कार्यक्रम के समापन समारोह में इलाहाबाद आये थे। इस समारोह में भारत के चीफ जस्टिस आफ इंडिया जेएस खेहर भी शामिल हुए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इलाहाबाद शहर से बाहर स्थित बमरौली हवाईअड्डा उनकी आगवानी उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की थी। इसके बादए प्रधानमंत्री वहां से सीधे उच्च न्यायालय परिसर के लिए रवाना हुए थे। इस समारोह में भारत के प्रधान न्यायाधीश जेएस खेहर और कानून एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद और उच्चतम न्यायालय के कई न्यायाधीश एवं विभिन्न उच्च न्यायालयों के न्यायाधीश शामिल हुए हैं। इस कार्यक्रम के आयोजन से पहले ही सड़क की हालत सही करने के साथ चौड़ा किया गया। निर्माण शुरू होने के बाद लोगों को सपनों की सड़क पर चलने का सुख तो जरूर मिल रहा हैए लेकिन निर्माण के दौरान जिम्मेदार ठेकेदार के काम का तरीका जान पर आफत बन रहा है। बीते 2 माह से भी कम समय के भीतर हुई घटनाएं लचर कार्यशैली बयां करने के लिए काफी हैं। सड़क तो बन गइ लेकिन सड़क के बीच का डिवाइडर अभी अधूरा है। दोनों छोर पर डिवाइडरों की शुरुआती जगह पर बीते 15 दिनों के भीतर वाहनों के टकराने की कई घटनाएं हो चुकी हैं। तेज रफ्तार में आ रहे वाहन चालक डिवाइडर को दूर से न देख पाने के कारण अचानक अपना संतुलन खो बैठते हैं। स्थानीय लोगों की माने तो कभी किसी कर्मचारी ने चेतावनी बोर्ड रखने का ख्याल नही किया इतने हादसे होते जा रहे हैं। सड़क के आमने सामने दोनो तरफ पेट्रोल पम्प तक ठेकेदारों द्वारा बनाये गये डिवाइडर पिछले 2 माह से दुर्घटना का कारण बना हुआ है। डिवाइडर बनने से दुर्घटनाग्रस्त क्षेत्र का नाम दिया जाये तो गलत नही होगा। कारण ठेकेदारों ने अप्रैल में डिवाइडर तो बना दिया लेकिन उससे पहले कोई रेडियम संकेत नही दिये है। तेज रफ्तार से भारी वाहन आये दिन डिवाइडर पर बीचों बीच चढ़ जाते है। लगभग एक दर्जन से अधिक वाहन डिवाइडर के बीचों बीच चढ़ चुके है। उसके बाद भी कोई अधिकारी सुध नही ले रहा है। आस पास के लोगों का कहना है। डिवाइडर से पहले ठेकेदारों को चौकी के बाद स्पीड ब्रेकर बनाने चाहिए थे। जिससे इस तरह के हादसे से बचा जा सकता है।